सुपर बाजार से आशय (Meaning Of Super Market) सुपर बाजार की स्थापना प्रायः बड़े शहरों में की जाती है। इन दुकानों में विभिन्न प्रकार की उपभोक्ता वस्तुएँ एक ही स्थान पर उचित मूल्य पर उपलब्ध होती जाती हैं। इस बाजार में खाद्य पदार्थ, बर्तन, क्रॉकरी का सामान, किराना सामग्री, कपड़े, विद्दुत उपकरण आदि सजाकर रखे जाते हैं।
लम्बे-चौड़े स्थान में सामान हेतु ट्रॉलियां होती हैं। उपभोक्ता अपनी इच्छित वस्तु का चयन विभिन्न स्थानों पर रखी हुई वस्तुओं में से करता है तथा उसे ट्रॉली में रखता है। इस प्रकार यहाँ स्वयं-सेवा के माध्यम से वस्तुओं का चुनाव किया जाता है। प्रत्येक वस्तु पर उसकी कीमत लिखी होती है।
ग्राहक वस्तुओं को ट्रॉली में लेकर रोकड़ खिड़की (Cash Counter) पर पहुँचता है, जहां वस्तुओं का बिल (Cash Memo) बनाया जाता है एवं वस्तु को पैक किया जाता है। वस्तुओं की सपुर्दगी ग्राहक द्वारा ले ली जाती है। प्रायः इन दुकानों में कर्मचारियों की संख्या कम पायी जाती है। घर पहुँच सेवा तथा उधारी सेवा यहाँ प्रदान नहीं की जाती है।
सुपर बाजार की प्रमुख विशेषताएँ (Main Features Of Super Market)
सुपर बाजार की प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं
- विभागीय भण्डार की तरह अधिकांश उपभोक्ता वस्तुएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो जाती हैं।
- ग्राहक घूमकर वस्तुओं का चयन करता है तथा स्वयं उसे ट्रॉली में रखता है।
- इन दुकानों में प्रायः खाद्य सामग्री एवं किराना समाग्री के साथ-साथ क्रॉकरी श्रृंगार, कपड़े आदि एक ही स्थान पर उपलब्ध हो जाते हैं।
- ये दुकाने स्वयं-सेवा के सिद्धांत के आधार पर संचालित होती है।
- इन दुकानों पर केवल नकद व्यवहार ही होते हैं।
- इनके द्वारा ग्राहकों को घर पहुँच सेवा उपलब्ध नहीं करायी जाती है।
- ये दुकानें प्रायः शहर के मध्य में स्थापित की जाती है।
सुपर बाजार के फायदे (Advantages Of Super Market)
सुपर बाजार के प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं
- कम लागत सभी वस्तुएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होने से लागत कम आती है। यहां वस्तएँ सस्तु एवं उच्च गुणवत्ता वाली प्राप्त होती है।
- वस्तुओं का चुनाव की स्वतंत्रता ग्राहक को वस्तु चुनाव करने की स्वतंत्रता रहती है। विक्रयकर्ता का मानसिक दबाव नहीं रहता है। इच्छित वस्तु को क्रय करने में सरलता रहती है।
- राशि डूबने की संभावना नहीं इन दुकानों में पराया नकद ही माल का विक्रय किया जाता है। अतः डूबत ऋण की कोई सम्भावना नहीं रहती है।
- केंद्रीय स्थान सुपर बाजार की स्थिति शहर के मध्य होती है, जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। परिवहन व्यय की बचत होती है।
- बड़े पैमाने के लाभ इन दुकानों में बड़ी मात्रा में वस्तुएं क्रय की जाती है। इससे लागत व्यय में कमी आती है।
सुपर बाजार के नुक्सान (Disadvantages Of Super Market)
सुपर बाजार के प्रमुख नुक्सान निम्नलिखित है
- अधिक पूंजी का विनियोजन सुपर बाजार की स्थापना में बड़ी मात्रा में वस्तुओं का क्रय किया जाता है तथा ये नगर में होने से इनके निर्माण में लागत अधिक आती है।
- अमितव्ययी इन दुकानों के रख-रखाव एवं सजावट पर भरी व्यय करना पड़ता है, अतः अनावश्यक व्यय हो जाते हैं, जिनका भार उपभोक्ताओं पर पड़ता है।
- उधार की सुविधा नहीं इन दुकानों पर केवल नकद माल का ही विक्रय किया जाता है। उधार की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जाती है।
- स्थान की कमी अनेक प्रकार की वस्तुओं करके रखने से इन दुकानों में स्थान का अभाव पाया जाता है।
- घर पहुँच सेवा का अभाव प्रायः इन दुकानों द्वारा घर पहुँच सेवा उपलब्ध नहीं करायी जाती है।
- कर्मचारियों का तालमेल नहीं इन दुकानों में रोकड़ खिड़की के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर कर्मचारियों नियुक्ति नहीं की जाती है। इनमे आपस में तालमेल का अभाव पाया जाता है।
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